अन्तर्राष्ट्रीय परिवार दिवस…

परिवार, समाज की मूल ईकाई मानी जाती है। किसी भी समाज की कल्पना बिना परिवार के नहीं की जा सकती। परिवार के महत्व को बनाए रखने के लिए साल 1993 में संयुक्त राष्ट्र जनरल एसेंबली ने हर साल परिवार दिवस मनाए जाने की घोषणा की थी। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय परिवारों को कितना महत्व देता है,यह इससे जाहिर होता है ।परिवारों से संबंधित मुद्दों के बारे में जागरूकता फैलाने, वैश्विक समुदाय परिवारों को जोड़ने, परिवारों को प्रभावित करने वाले आर्थिक और सामाजिक प्रक्रियाओं के बारे में जानकारी देने के लिए इस खास दिवस को मनाया जाता है।

जन्म और मृत्यु के बीच जो समय हम व्यतीत करते है वह हमारा जीवन काल कहलाता है | इसी जीवन काल में हम अपने संबंधों को जीते है उन्ही संबंधो को जीवित रखने को हम परिवार कहते है जिसमें माता पिता , पति-पत्नी, भाई बहन और भी सदस्य शामिल रहते हैं। इन्ही को हम परिवार कहते हैं । एक छत के नीचे रहने वाले व्यक्तियों का समूह “परिवार” कहलाता है।
परिवार दो प्रकार के होते हैं-

  1. एकल परिवार – इस में परिवार माता-पिता और बच्चे  रहते हैं।
  2. संयुक्त परिवार – संयुक्त परिवार में माता-पिता और बच्चों के साथ दादा-दादी व अन्य घर के सदस्य सभी साथ में रहते हैं। अंतर्राष्ट्रीय परिवार दिवस भी महत्वपूर्ण है ताकि हम परिवार के महत्व को न भूल पाएं | परन्तु मानव का स्वार्थ हमेशा संबंधो को कमजोर करता है और वह परिवार की बली चढाने में भी नही हिचकिचाता है |परिवार समाज की सबसे छोटी इकाई है या हम कह सकते हैं सामाजिक संगठन की मौलिक इकाई है। जो हमें कि सामंजस्य के साथ जीना और एक-दूसरे से सहयोगात्मक और सौहार्दपूर्ण संबंध बनाना सिखाती है। आज की वैश्विक महामारी जिसे हम कोरोना वायरस के नाम से जान रहे हैं यह शिक्षा देता है कि परिवार के मूल्य को पहचाने के लिए इससे अच्छी परिस्थिति हो ही नही सकती भले ही मजबूरी ही सही लेकिन परिवार के साथ हम समय बिताने को विवश है| जीवन, पल भर में सब कुछ बदल कर रख देता यदि हम वास्तव में मालिक है तो उस पल के जो हमारे द्वारा किसी को सुकून दे सके वरना कोरोना ने यह दिखा दिया है कि हमारी क्या हैसियत है | इस धरा पर सब कुछ धरा रह जायेगा जिस शान शौकत का हम घमंड करते है वह हमारी भूल है |परिवार हमेशा खुशहाल रहे चाहे वह किसी का भी हो | अंतर्राष्ट्रीय परिवार दिवस की शुभकामनाएं 🙏

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