आज जब हर जगह ‘उदासी’ स्पष्ट तौर पर महसूस की जा रही है, तब भी हम ‘उम्मीद’ नहीं छोड़ सकते।
हम आज उन सभी संसाधनों को खोज नहीं पाएं हैं जिनकी हमें आवश्यकता है फिर भी, हम उनकी तलाश करना, या उन्हें बनाना बंद नहीं करेंगे। हम सभी को नहीं बचा पाएंगे, फिर भी हमें प्रयास किसी के लिए भी बंद नहीं करना चाहिए। हम भयभीत हैं, फिर भी आशान्वित हैं; क्योंकि जब तक हम हार नहीं मानते … हम असफल नहीं हो सकते।
विलियम अर्नस्ट हेनली की खूबसूरत कविता Invictus का खूबसूरत हिंदी अनुवाद को प्रस्तुत किया है प्रसिद्ध कहानीकार विनीत पंछी जी ने….जो आज के संदर्भ में बिल्कुल सटीक बैठती है।